४००० को भोजन खिलाना

संगती

इब्राहीम की औलाद के नए मुलाक़ात में आपका ख़ैर-मक़्दम है, हमारी ज़िंदगी कैसी चल रही है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । पिछले हफ़्ते में आपके या आपके बिरादरी में खुदा ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप खुदा को शुक्रिया अदा करना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, पिछले हफ़्ते में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर चर्चा करें।
किस प्रकार से आप ने इस कहानी को अपने ज़िंदगी में लागु किया?
यह कहानी आप ने किसके साथ बाँटा, एवं उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
अब, खुदा की ओर से नई कहानी को सुनते हैं।

मत्ती १५:३२-३९

[३२] फिर ईसा ने अपने शागिर्दों को बुलाकर उनसे कहा, “मुझे इन लोगों पर तरस आता है। इन्हें मेरे साथ ठहरे तीन दिन हो चुके हैं और इनके पास खाने की कोई चीज़ नहीं है। लेकिन मैं इन्हें इस भूकी हालत में रुख़सत नहीं करना चाहता। ऐसा न हो कि वह रास्ते में थककर चूर हो जाएँ।” [३३] उसके शागिर्दों ने जवाब दिया, “इस वीरान इलाक़े में कहाँ से इतना खाना मिल सकेगा कि यह लोग खाकर सेर हो जाएँ?” [३४] ईसा ने पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?” उन्होंने जवाब दिया, “सात, और चंद एक छोटी मछलियाँ।” [३५] ईसा ने हुजूम को ज़मीन पर बैठने को कहा। [३६] फिर सात रोटियों और मछलियों को लेकर उसने शुक्रगुज़ारी की दुआ की और उन्हें तोड़ तोड़कर अपने शागिर्दों को तक़सीम करने के लिए दे दिया। [३७] सबने जी भरकर खाया। बाद में जब खाने के बचे हुए टुकड़े जमा किए गए तो सात बड़े टोकरे भर गए। [३८] ख़वातीन और बच्चों के अलावा खानेवाले ४,००० मर्द थे। [३९] फिर ईसा लोगों को रुख़सत करके कश्ती पर सवार हुआ और मगदन के इलाक़े में चला गया।

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लागूकरण

अब कहानी को फ़िर से सुनते हैं।
खुदा के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
लोगों के बारे में आप इस कहानी से क्या सीखते हैं?
यह कहानी आप अपने ज़िंदगी में कैसे लागु करेंगे? क्या इस कहानी में कोई हुक्म है जिसे हमें मानना चाहिए या इसमें कोई मिसाल है जिसकी हम पैरवी करें या फ़िर इस कहानी के मुताबिक कोई गुनाह है जिससे हमें बचना चाहिए?
सच्चाई को जमा करने की ज़रूरत नहीं है । किसी ने आपके साथ सच्चाई को बाँटा है, जिसकी वजह से आपकी ज़िंदगी में कुछ फ़ायदा पहुँचा है। इसलिये आप आने वाले हफ़्ते में, किस व्यक्ति के साथ इस कहानी को बाँटेंगे?
जैसे हम इस मुलाक़ात के आख़िरी पड़ाव में है, आइए तय करते हैं की हम अगले हफ़्ते में कब मिलेंगे, और अगले मुलाक़ात की सहूलत कौन करेगा?
यह मुलाक़ात का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जो आप ने सीखा है उस पर लिखकर ध्यान दें, और अगले मुलाक़ात में आने से पहले, कहानी को फ़िर से पढ़ लें।

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