[१] उस वक़्त शागिर्द ईसा के पास आकर पूछने लगे, “आसमान की बादशाही में कौन सबसे बड़ा है?”
[२] जवाब में ईसा ने एक छोटे बच्चे को बुलाकर उनके दरमियान खड़ा किया [३] और कहा, “मैं तुमको सच बताता हूँ अगर तुम बदलकर छोटे बच्चों की मानिंद न बनो तो तुम कभी आसमान की बादशाही में दाख़िल नहीं होगे। [४] इसलिए जो भी अपने आपको इस बच्चे की तरह छोटा बनाएगा वह आसमान में सबसे बड़ा होगा। [५] और जो भी मेरे नाम में इस जैसे छोटे बच्चे को क़बूल करे वह मुझे क़बूल करता है।
[६] लेकिन जो कोई इन छोटों में से किसी को गुनाह करने पर उकसाए उसके लिए बेहतर है कि उसके गले में बड़ी चक्की का पाट बाँधकर उसे समुंदर की गहराइयों में डुबो दिया जाए। [७] दुनिया पर उन चीज़ों की वजह से अफ़सोस जो गुनाह करने पर उकसाती हैं। लाज़िम है कि ऐसी आज़माइशें आएँ, लेकिन उस शख़्स पर अफ़सोस जिसकी मारिफ़त वह आएँ।
[८] अगर तेरा हाथ या पाँव तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे काटकर फेंक देना। इससे पहले कि तुझे दो हाथों या दो पाँवों समेत जहन्नुम की अबदी आग में फेंका जाए, बेहतर यह है कि एक हाथ या पाँव से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो। [९] और अगर तेरी आँख तुझे गुनाह करने पर उकसाए तो उसे निकालकर फेंक देना। इससे पहले कि तुझे दो आँखों समेत जहन्नुम की आग में फेंका जाए बेहतर यह है कि एक आँख से महरूम होकर अबदी ज़िंदगी में दाख़िल हो।
[१०] ख़बरदार! तुम इन छोटों में से किसी को भी हक़ीर न जानना। क्योंकि मैं तुमको बताता हूँ कि आसमान पर इनके फ़रिश्ते हर वक़्त मेरे बाप के चेहरे को देखते रहते हैं। [११] [क्योंकि इब्ने-आदम खोए हुओं को ढूँडने और नजात देने आया है।]
[१२] तुम्हारा क्या ख़याल है? अगर किसी आदमी की १०० भेड़ें हों और एक भटककर गुम हो जाए तो वह क्या करेगा? क्या वह बाक़ी ९९ भेड़ें पहाड़ी इलाक़े में छोड़कर भटकी हुई भेड़ को ढूँडने नहीं जाएगा? [१३] और मैं तुमको सच बताता हूँ कि भटकी हुई भेड़ के मिलने पर वह उसके बारे में उन बाक़ी ९९ भेड़ों की निसबत कहीं ज़्यादा ख़ुशी मनाएगा जो भटकी नहीं। [१४] बिलकुल इसी तरह आसमान पर तुम्हारा बाप नहीं चाहता कि इन छोटों में से एक भी हलाक हो जाए।
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