[१४] उस वक़्त आसमान की बादशाही यों होगी : एक आदमी को बैरूने-मुल्क जाना था। उसने अपने नौकरों को बुलाकर अपनी मिलकियत उनके सुपुर्द कर दी। [१५] पहले को उसने सोने के ५,००० सिक्के दिए, दूसरे को २,००० और तीसरे को १,०००। हर एक को उसने उस की क़ाबिलियत के मुताबिक़ पैसे दिए। फिर वह रवाना हुआ। [१६] जिस नौकर को ५,००० सिक्के मिले थे उसने सीधा जाकर उन्हें किसी कारोबार में लगाया। इससे उसे मज़ीद ५,००० सिक्के हासिल हुए। [१७] इसी तरह दूसरे को भी जिसे २,००० सिक्के मिले थे मज़ीद २,००० सिक्के हासिल हुए। [१८] लेकिन जिस आदमी को १,००० सिक्के मिले थे वह चला गया और कहीं ज़मीन में गढ़ा खोदकर अपने मालिक के पैसे उसमें छुपा दिए।
[१९] बड़ी देर के बाद उनका मालिक लौट आया। जब उसने उनके साथ हिसाब-किताब किया [२०] तो पहला नौकर जिसे ५,००० सिक्के मिले थे मज़ीद ५,००० सिक्के लेकर आया। उसने कहा, ‘जनाब, आपने ५,००० सिक्के मेरे सुपुर्द किए थे। यह देखें, मैंने मज़ीद ५,००० सिक्के हासिल किए हैं।’ [२१] उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शाबाश, मेरे अच्छे और वफ़ादार नौकर। तुम थोड़े में वफ़ादार रहे, इसलिए मैं तुम्हें बहुत कुछ पर मुक़र्रर करूँगा। अंदर आओ और अपने मालिक की ख़ुशी में शरीक हो जाओ।’
[२२] फिर दूसरा नौकर आया जिसे २,००० सिक्के मिले थे। उसने कहा, ‘जनाब, आपने २,००० सिक्के मेरे सुपुर्द किए थे। यह देखें, मैंने मज़ीद २,००० सिक्के हासिल किए हैं।’ [२३] उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शाबाश, मेरे अच्छे और वफ़ादार नौकर। तुम थोड़े में वफ़ादार रहे, इसलिए मैं तुम्हें बहुत कुछ पर मुक़र्रर करूँगा। अंदर आओ और अपने मालिक की ख़ुशी में शरीक हो जाओ।’
[२४] फिर तीसरा नौकर आया जिसे १,००० सिक्के मिले थे। उसने कहा, ‘जनाब, मैं जानता था कि आप सख़्त आदमी हैं। जो बीज आपने नहीं बोया उस की फ़सल आप काटते हैं और जो कुछ आपने नहीं लगाया उस की पैदावार जमा करते हैं। [२५] इसलिए मैं डर गया और जाकर आपके पैसे ज़मीन में छुपा दिए। अब आप अपने पैसे वापस ले सकते हैं।’
[२६] उसके मालिक ने जवाब दिया, ‘शरीर और सुस्त नौकर! क्या तू जानता था कि जो बीज मैंने नहीं बोया उस की फ़सल काटता हूँ और जो कुछ मैंने नहीं लगाया उस की पैदावार जमा करता हूँ? [२७] तो फिर तूने मेरे पैसे बैंक में क्यों न जमा करा दिए? अगर ऐसा करता तो वापसी पर मुझे कम अज़ कम वह पैसे सूद समेत मिल जाते।’ [२८] यह कहकर मालिक दूसरों से मुख़ातिब हुआ, ‘यह पैसे इससे लेकर उस नौकर को दे दो जिसके पास १०,००० सिक्के हैं। [२९] क्योंकि जिसके पास कुछ है उसे और दिया जाएगा और उसके पास कसरत की चीज़ें होंगी। लेकिन जिसके पास कुछ नहीं है उससे वह भी छीन लिया जाएगा जो उसके पास है। [३०] अब इस बेकार नौकर को निकालकर बाहर की तारीकी में फेंक दो, वहाँ जहाँ लोग रोते और दाँत पीसते रहेंगे।’
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