[१६] फिर ग्यारह शागिर्द गलील के उस पहाड़ के पास पहुँचे जहाँ ईसा ने उन्हें जाने को कहा था। [१७] वहाँ उसे देखकर उन्होंने उसे सिजदा किया। लेकिन कुछ शक में पड़ गए। [१८] फिर ईसा ने उनके पास आकर कहा, “आसमान और ज़मीन का कुल इख़्तियार मुझे दे दिया गया है। [१९] इसलिए जाओ, तमाम क़ौमों को शागिर्द बनाकर उन्हें बाप, फ़रज़ंद और रूहुल-क़ुद्स के नाम से बपतिस्मा दो। [२०] और उन्हें यह सिखाओ कि वह उन तमाम अहकाम के मुताबिक़ ज़िंदगी गुज़ारें जो मैंने तुम्हें दिए हैं। और देखो, मैं दुनिया के इख़्तिताम तक हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”
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