[९] जब तू उस मुल्क में दाख़िल होगा जो रब तेरा ख़ुदा तुझे दे रहा है तो वहाँ की रहनेवाली क़ौमों के घिनौने दस्तूर न अपनाना। [१०] तेरे दरमियान कोई भी अपने बेटे या बेटी को क़ुरबानी के तौर पर न जलाए। न कोई ग़ैबदानी करे, न फ़ाल या शुगून निकाले या जादूगरी करे। [११] इसी तरह मंत्र पढ़ना, हाज़िरात करना, क़िस्मत का हाल बताना या मुरदों की रूहों से राबिता करना सख़्त मना है। [१२] जो भी ऐसा करे वह रब की नज़र में क़ाबिले-घिन है। इन्हीं मकरूह दस्तूरों की वजह से रब तेरा ख़ुदा तेरे आगे से उन क़ौमों को निकाल देगा। [१३] इसलिए लाज़िम है कि तू रब अपने ख़ुदा के सामने बेक़ुसूर रहे।
[१४] जिन क़ौमों को तू निकालनेवाला है वह उनकी सुनती हैं जो फ़ाल निकालते और ग़ैबदानी करते हैं। लेकिन रब तेरे ख़ुदा ने तुझे ऐसा करने की इजाज़त नहीं दी।
Text is under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International license.