इब्राहीम की औलाद के नए मुलाक़ात में आपका ख़ैर-मक़्दम है, हमारी ज़िंदगी कैसी चल रही है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । पिछले हफ़्ते में आपके या आपके बिरादरी में खुदा ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप खुदा को शुक्रिया अदा करना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, पिछले हफ़्ते में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर चर्चा करें।
आपके समुदाय में खोए हुए लोगों की क्या ज़रूरतें हैं, और हमने जो ज़रूरतें व्यक्त की हैं, उन्हें पूरा करने में हम एक-दूसरे की कैसे मदद कर सकते हैं?
अब, आइए परमेश्वर की ओर से एक नया सत्य पढ़ें...
यूहन्ना ६: ४३-४५
४३ ईसा ने जवाब में कहा, “आपस में मत बुड़बुड़ाओ। ४४ सिर्फ़ वह शख़्स मेरे पास आ सकता है जिसे बाप जिसने मुझे भेजा है मेरे पास खींच लाया है। ऐसे शख़्स को मैं क़ियामत के दिन मुरदों में से फिर ज़िंदा करूँगा। ४५ नबियों के सहीफ़ों में लिखा है, ‘सब अल्लाह से तालीम पाएँगे।’ जो भी अल्लाह की सुनकर उससे सीखता है वह मेरे पास आ जाता है।
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लागूकरण
अब कहानी को फ़िर से सुनते हैं।
खुदा के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
इस कहानी से हम शिष्य बनाने के बारे में क्या सीखते हैं?
इस सप्ताह परमेश्वर ने आपको इस कहानी से जो दिखाया है उसे आप अपने जीवन में कैसे लागू करेंगे? आप कौन सा विशिष्ट कार्य या चीज़ करेंगे?
अब, आज का प्रशिक्षण वीडियो देखते है...
प्रशिक्षण वीडियो
आइए चर्चा करें कि हमने अभी क्या सीखा और शिष्य बनाते समय हम इसे कैसे लागू कर सकते हैं।
दोबारा मिलने से पहले आप इस बैठक से सीखी गई कोई बात किसके साथ साझा करेंगे?
जैसे हम इस मुलाक़ात के आख़िरी पड़ाव में है, आइए तय करते हैं की हम अगले हफ़्ते में कब मिलेंगे, और अगले मुलाक़ात की सहूलत कौन करेगा?
यह मुलाक़ात का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जो आप ने सीखा है उस पर लिखकर ध्यान दें, और अगले मुलाक़ात में आने से पहले, कहानी को फ़िर से पढ़ लें।