संगती

इब्राहीम की औलाद के नए मुलाक़ात में आपका ख़ैर-मक़्दम है, हमारी ज़िंदगी कैसी चल रही है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । पिछले हफ़्ते में आपके या आपके बिरादरी में खुदा ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप खुदा को शुक्रिया अदा करना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, पिछले हफ़्ते में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर चर्चा करें।
आपके समुदाय में खोए हुए लोगों की क्या ज़रूरतें हैं, और हमने जो ज़रूरतें व्यक्त की हैं, उन्हें पूरा करने में हम एक-दूसरे की कैसे मदद कर सकते हैं?
प्रार्थना को बढ़ाने के आपके प्रयासों के माध्यम से परमेश्वर किस प्रकार कार्य कर रहा है? उत्तर प्राप्त प्रार्थना की कोई कहानी जिसके लिए हम उसकी स्तुति कर सकें?
शिष्य बनाने के बारे में हमारी पिछली बैठक में हमने क्या सीखा?
अब, खुदा की ओर से नई कहानी को सुनते हैं ।
पिछली कहानी को आपने किसके साथ साझा किया? उन्होंने कैसी प्रतिक्रिया दी?
पिछली बार जब हम मिले थे तो हमने कई ज़रूरतों को महसूस किया था और उन ज़रूरतों को पूरा करने की योजना बनाई थी। वह सब कैसा रहा?
अब, आइए परमेश्वर की ओर से एक नया सत्य पढ़ें...

मत्ती ९: ९-१३

९ आगे जाकर ईसा ने एक आदमी को देखा जो टैक्स लेनेवालों की चौकी पर बैठा था। उसका नाम मत्ती था। ईसा ने उससे कहा, “मेरे पीछे हो ले।” और मत्ती उठकर उसके पीछे हो लिया। १० बाद में ईसा मत्ती के घर में खाना खा रहा था। बहुत-से टैक्स लेनेवाले और गुनाहगार भी आकर ईसा और उसके शागिर्दों के साथ खाने में शरीक हुए। ११ यह देखकर फ़रीसियों ने उसके शागिर्दों से पूछा, “आपका उस्ताद टैक्स लेनेवालों और गुनाहगारों के साथ क्यों खाता है?” १२ यह सुनकर ईसा ने कहा, “सेहतमंदों को डाक्टर की ज़रूरत नहीं होती बल्कि मरीज़ों को। १३ पहले जाओ और कलामे-मुक़द्दस की इस बात का मतलब जान लो कि ‘मैं क़ुरबानी नहीं बल्कि रहम पसंद करता हूँ।’ क्योंकि मैं रास्तबाज़ों को नहीं बल्कि गुनाहगारों को बुलाने आया हूँ।”

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लागूकरण

अब कहानी को फ़िर से सुनते हैं।
खुदा के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
इस कहानी से हम शिष्य बनाने के बारे में क्या सीखते हैं?
इस सप्ताह परमेश्वर ने आपको इस कहानी से जो दिखाया है उसे आप अपने जीवन में कैसे लागू करेंगे? आप कौन सा विशिष्ट कार्य या चीज़ करेंगे?
अब, आज का प्रशिक्षण वीडियो देखते है...
प्रशिक्षण वीडियो
आइए चर्चा करें कि हमने अभी क्या सीखा और शिष्य बनाते समय हम इसे कैसे लागू कर सकते हैं।
अब बात करते हैं खोए हुए को शामिल करने की। पिछली बार मिलने के बाद हमने किससे बातचीत की और हम उनके लिए प्रार्थना कैसे कर सकते हैं?
इस सप्ताह इन लोगों और अन्य लोगों के साथ अच्छी बातचीत करने के लिए हम उनके साथ कैसे जुड़ेंगे?
जैसे हम इस मुलाक़ात के आख़िरी पड़ाव में है, आइए तय करते हैं की हम अगले हफ़्ते में कब मिलेंगे, और अगले मुलाक़ात की सहूलत कौन करेगा?
यह मुलाक़ात का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, जो आप ने सीखा है उस पर लिखकर ध्यान दें, और अगले मुलाक़ात में आने से पहले, कहानी को फ़िर से पढ़ लें।