प्रभु यीशु का जन्म

संगती

परमेश्वर को खोजने के नए सत्र में आपका स्वागत है। हमारा जीवन कैसा चल रहा है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । बीते सप्ताह में आपके या आपके समुदाय में परमेश्वर ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, बीते सप्ताह में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर वार्तालाभ करें।
किस प्रकार से आप ने इस कहानी को अपने जीवन में लागु किया?
यह कहानी आप ने किसके साथ साझा की, एवं उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
अब, परमेश्वर की ओर से नई कहानी को सुनते हैं।

मत्ती १:१-२५

१ अब्राहम की सन्तान, दाऊद की सन्तान, यीशु मसीह की वंशावली। २ अब्राहम से इसहाक उत्पन्न हुआ, इसहाक से याकूब उत्पन्न हुआ, याकूब से यहूदा और उसके भाई उत्पन्न हुए, ३ यहूदा और तामार से फिरिस व जेरह उत्पन्न हुए, फिरिस से हिस्रोन उत्पन्न हुआ, और हिस्रोन से एराम उत्पन्न हुआ, ४ एराम से अम्मीनादाब उत्पन्न हुआ, अम्मीनादाब से नहशोन, और नहशोन से सलमोन उत्पन्न हुआ, ५ सलमोन और राहाब से बोअज उत्पन्न हुआ, बोअज और रूत से ओबेद उत्पन्न हुआ, और ओबेद से यिशै उत्पन्न हुआ, ६ और यिशै से दाऊद राजा उत्पन्न हुआ। और दाऊद से सुलैमान उस स्त्री से उत्पन्न हुआ जो पहले उरिय्याह की पत्नी थी, ७ सुलैमान से रहबाम उत्पन्न हुआ, रहबाम से अबिय्याह उत्पन्न हुआ, और अबिय्याह से आसा उत्पन्न हुआ, ८ आसा से यहोशाफात उत्पन्न हुआ, यहोशाफात से योराम उत्पन्न हुआ, और योराम से उज्जियाह उत्पन्न हुआ, ९ उज्जियाह से योताम उत्पन्न हुआ, योताम से आहाज उत्पन्न हुआ, और आहाज से हिजकिय्याह उत्पन्न हुआ, १० हिजकिय्याह से मनश्शिह उत्पन्न हुआ, मनश्शिह से आमोन उत्पन्न हुआ, और आमोन से योशिय्याह उत्पन्न हुआ; ११ और बंदी होकर बेबीलोन जाने के समय में योशिय्याह से यकुन्याह, और उस के भाई उत्पन्न हुए। १२ बंदी होकर बेबीलोन पहुँचाए जाने के बाद यकुन्याह से शालतिएल उत्पन्न हुआ, और शालतिएल से जरुब्बाबिल उत्पन्न हुआ, १३ जरुब्बाबिल से अबीहूद उत्पन्न हुआ, अबीहूद से इल्याकीम उत्पन्न हुआ, और इल्याकीम से अजोर उत्पन्न हुआ, १४ अजोर से सदोक उत्पन्न हुआ, सदोक से अखीम उत्पन्न हुआ, और अखीम से इलीहूद उत्पन्न हुआ, १५ इलीहूद से इलियाजार उत्पन्न हुआ, इलियाजार से मत्तान उत्पन्न हुआ, और मत्तान से याकूब उत्पन्न हुआ, १६ याकूब से यूसुफ उत्पन्न हुआ, जो मरियम का पति था, और मरियम से यीशु जो मसीह कहलाता है, उत्पन्न हुआ। १७ इस प्रकार अब्राहम से दाऊद तक चौदह पीढ़ी हुई, और दाऊद से बेबीलोन को बंदी होकर पहुँचाए जाने तक चौदह पीढ़ी, और बंदी होकर बेबीलोन को पहुँचाए जाने के समय से मसीह तक चौदह पीढ़ी हुई। १८ यीशु मसीह का जन्म इस प्रकार से हुआ, कि जब उसकी माता मरियम की मंगनी यूसुफ के साथ हो गई, तो उनके इकट्ठा होने से पहले ही वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। १९ अत: उसके पति यूसुफ ने जो धर्मी था और उसे बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। २० जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे स्वप्न में दिखाई देकर कहने लगा, “हे यूसुफ! दाऊद की संतान, तू अपनी पत्नी मरियम को अपने यहाँ ले आने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। २१ वह पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।” २२ यह सब इसलिए हुआ कि जो वचन प्रभु ने भविष्यद्वक्‍ता के द्वारा कहा था, वह पूरा हो : २३ “देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखा जाएगा,” जिसका अर्थ है – परमेश्‍वर हमारे साथ। २४ तब यूसुफ नींद से जागकर प्रभु के दूत की आज्ञा के अनुसार अपनी पत्नी को अपने यहाँ ले आया; २५ और जब तक वह पुत्र न जनी तब तक वह उसके पास न गया: और उसने उसका नाम यीशु रखा।

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लागूकरण

अब कहानी को फिर से सुनते हैं।
परमेश्वर के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
इस कहानी से आप अपने सहित लोगों के बारे में क्या सीखते हैं?
यह कहानी आप अपने जीवन में कैसे लागु करेंगे? क्या ऐसी कोई आज्ञा है, जो पालन करना है? अनुसरण करने हेतु कोई उदहारण है? या फिर कोई पाप जिससे अपने आपको दूर करने की जरुरत है?
सत्य का संचय नहीं करना चाहिए, किसी ने आप के साथ सत्य साझा किया, जिससे आप को लाभ प्राप्त हुआ है, तो, आप आने वाले सप्ताह में, किस व्यक्ति के साथ इस कहानी को साझा करेंगे?
जैसे ही हमारी सत्र समाप्त होने को है, आइए तय करें कि अगली कहानी सुनने के लिए हम दोबारा कब मिलेंगे और चुनें कि हमारी अगली सत्र की सुविधा कौन प्रदान करेगा?
यह संगति का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, उस बात को लिखने के लिए जो आप करने वाले है और अगले सत्र में आने पूर्व, कहानी को फिर से पढ़ लें।

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