पानी पर चलना

संगती

परमेश्वर को खोजने के नए सत्र में आपका स्वागत है। हमारा जीवन कैसा चल रहा है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । बीते सप्ताह में आपके या आपके समुदाय में परमेश्वर ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, बीते सप्ताह में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर वार्तालाभ करें।
किस प्रकार से आप ने इस कहानी को अपने जीवन में लागु किया?
यह कहानी आप ने किसके साथ साझा की, एवं उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
अब, परमेश्वर की ओर से नई कहानी को सुनते हैं।

मत्ती १४:२२-३६

२२ तब उसने तुरन्त अपने चेलों को नाव पर चढ़ने के लिए विवश किया कि वे उससे पहले पार चले जाएँ, जब तक वह लोगों को विदा करे। २३ वह लोगों को विदा करके, प्रार्थना करने को अलग पहाड़ पर चला गया; और साँझ को वह वहाँ अकेला था। २४ उस समय नाव झील के बीच लहरों से डगमगा रही थी, क्योंकि हवा सामने की थी। २५ और यीशु रात के चौथे पहर झील पर चलते हुए उनके पास आया। २६ चेले उसको झील पर चलते हुए देखकर घबरा गए। और कहने लगे, “यह भूत है!” और डर के मारे चिल्‍लाने लगे। २७ तब यीशु ने तुरन्त उनसे बातें कीं और कहा, “ढाढ़स बाँधो! मैं हूँ, डरो मत!” २८ पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, यदि तू ही है, तो मुझे अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे।” २९ उसने कहा, “आ!” तब पतरस नाव पर से उतरकर यीशु के पास जाने को पानी पर चलने लगा। ३० पर हवा को देखकर डर गया, और जब डूबने लगा तो चिल्‍लाकर कहा, “हे प्रभु, मुझे बचा!” ३१ यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया और उससे कहा, “हे अल्पविश्‍वासी, तू ने क्यों सन्देह किया?” ३२ जब वे नाव पर चढ़ गए, तो हवा थम गई। ३३ इस पर उन्होंने जो नाव पर थे, उसे दण्डवत् करके कहा, “सचमुच, तू परमेश्‍वर का पुत्र है।” ३४ वे पार उतरकर गन्नेसरत में पहुँचे। ३५ वहाँ के लोगों ने उसे पहचान लिया और आसपास के सारे देश में समाचार भेजा, और सब बीमारों को उसके पास लाए, ३६ और उससे विनती करने लगे कि वह उन्हें अपने वस्त्र के आँचल ही को छूने दे; और जितनों ने उसे छुआ, वे चंगे हो गए।

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लागूकरण

अब कहानी को फिर से सुनते हैं।
परमेश्वर के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
इस कहानी से आप अपने सहित लोगों के बारे में क्या सीखते हैं?
यह कहानी आप अपने जीवन में कैसे लागु करेंगे? क्या ऐसी कोई आज्ञा है, जो पालन करना है? अनुसरण करने हेतु कोई उदहारण है? या फिर कोई पाप जिससे अपने आपको दूर करने की जरुरत है?
सत्य का संचय नहीं करना चाहिए, किसी ने आप के साथ सत्य साझा किया, जिससे आप को लाभ प्राप्त हुआ है, तो, आप आने वाले सप्ताह में, किस व्यक्ति के साथ इस कहानी को साझा करेंगे?
जैसे ही हमारी सत्र समाप्त होने को है, आइए तय करें कि अगली कहानी सुनने के लिए हम दोबारा कब मिलेंगे और चुनें कि हमारी अगली सत्र की सुविधा कौन प्रदान करेगा?
यह संगति का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, उस बात को लिखने के लिए जो आप करने वाले है और अगले सत्र में आने पूर्व, कहानी को फिर से पढ़ लें।

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