गैर-यहूदी स्त्री और अन्य चमत्कार

संगती

परमेश्वर को खोजने के नए सत्र में आपका स्वागत है। हमारा जीवन कैसा चल रहा है, इसे जानते हुए शुरुआत करेंगे । बीते सप्ताह में आपके या आपके समुदाय में परमेश्वर ने ऐसा कोई काम किया है, जिसके लिए, आप परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहते हैं?
अगली कहानी की शुरुआत करने से पहले, बीते सप्ताह में जिस कहानी से हम सीखे हैं, इस पर वार्तालाभ करें।
किस प्रकार से आप ने इस कहानी को अपने जीवन में लागु किया?
यह कहानी आप ने किसके साथ साझा की, एवं उनकी प्रतिक्रिया क्या थी?
अब, परमेश्वर की ओर से नई कहानी को सुनते हैं।

मत्ती १५:२१-३१

२१ यीशु वहाँ से निकलकर, सूर और सैदा के प्रदेश की ओर चला गया। २२ उस प्रदेश से एक कनानी स्त्री निकली, और चिल्‍लाकर कहने लगी, “हे प्रभु! दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर! मेरी बेटी को दुष्‍टात्मा बहुत सता रहा है।” २३ पर उसने उसे कुछ उत्तर न दिया। तब उसके चेलों ने आकर उससे विनती की, “इसे विदा कर, क्योंकि वह हमारे पीछे चिल्‍लाती हुई आ रही है।” २४ उसने उत्तर दिया, “इस्राएल के घराने की खोई हुई भेड़ों को छोड़ मैं किसी के पास नहीं भेजा गया।” २५ पर वह आई, और यीशु को प्रणाम करके कहने लगी, “हे प्रभु, मेरी सहायता कर।” २६ उसने उत्तर दिया, “लड़कों की रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना अच्छा नहीं।” २७ उसने कहा, “सत्य है प्रभु, पर कुत्ते भी वह चूरचार खाते हैं, जो उनके स्वामियों की मेज से गिरते हैं।” २८ इस पर यीशु ने उसको उत्तर दिया, “हे स्त्री, तेरा विश्‍वास बड़ा है। जैसा तू चाहती है, तेरे लिये वैसा ही हो।” और उस की बेटी उसी घड़ी से चंगी हो गई। २९ यीशु वहाँ से गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर बैठ गया। ३० तब भीड़ पर भीड़ उसके पास आई। वे अपने साथ लंगड़ों, अंधों, गूँगों, टुण्डों और अन्य बहुतों को उसके पास लाए, और उन्हें उसके पाँवों पर डाल दिया, और उसने उन्हें चंगा किया। ३१ जब लोगों ने देखा कि गूँगे बोलते, और टुण्डे चंगे होते, और लंगड़े चलते, और अंधे देखते हैं तो अचम्भा करके इस्राएल के परमेश्‍वर की बड़ाई की।

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लागूकरण

अब कहानी को फिर से सुनते हैं।
परमेश्वर के बारे में आप इस कहानी से क्या सिखते हैं?
इस कहानी से आप अपने सहित लोगों के बारे में क्या सीखते हैं?
यह कहानी आप अपने जीवन में कैसे लागु करेंगे? क्या ऐसी कोई आज्ञा है, जो पालन करना है? अनुसरण करने हेतु कोई उदहारण है? या फिर कोई पाप जिससे अपने आपको दूर करने की जरुरत है?
सत्य का संचय नहीं करना चाहिए, किसी ने आप के साथ सत्य साझा किया, जिससे आप को लाभ प्राप्त हुआ है, तो, आप आने वाले सप्ताह में, किस व्यक्ति के साथ इस कहानी को साझा करेंगे?
जैसे ही हमारी सत्र समाप्त होने को है, आइए तय करें कि अगली कहानी सुनने के लिए हम दोबारा कब मिलेंगे और चुनें कि हमारी अगली सत्र की सुविधा कौन प्रदान करेगा?
यह संगति का समय अच्छा रहा, हम आपको प्रोत्साहित करना चाहते हैं, उस बात को लिखने के लिए जो आप करने वाले है और अगले सत्र में आने पूर्व, कहानी को फिर से पढ़ लें।

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