१ फरीसियों और सदूकियों ने पास आकर उसे परखने के लिये उससे कहा, “हमें स्वर्ग का कोई चिह्न दिखा।” २ उसने उनको उत्तर दिया, “साँझ को तुम कहते हो, ‘मौसम अच्छा रहेगा, क्योंकि आकाश लाल है’, ३ और भोर को कहते हो, ‘आज आँधी आएगी, क्योंकि आकाश लाल और धूमिल है।’ तुम आकाश के लक्षण देखकर उसका भेद बता सकते हो, पर समयों के चिह्नों का भेद क्यों नहीं बता सकते? ४ इस युग के बुरे और व्यभिचारी लोग चिह्न ढूँढ़ते हैं, पर योना के चिह्न को छोड़ उन्हें और कोई चिह्न न दिया जाएगा।” और वह उन्हें छोड़कर चला गया।
५ चेले झील के उस पार पहुँचे, पर वे रोटी लेना भूल गए थे। ६ यीशु ने उनसे कहा, “देखो, फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहना।” ७ वे आपस में विचार करने लगे, “हम रोटी नहीं लाए इसलिये वह ऐसा कहता है।” ८ यह जानकर, यीशु ने उनसे कहा, “हे अल्पविश्वासियो, तुम आपस में क्यों विचार करते हो कि हमारे पास रोटी नहीं है? ९ क्या तुम अब तक नहीं समझे? क्या तुम्हें उन पाँच हज़ार की पाँच रोटियाँ स्मरण नहीं, और न यह कि तुमने कितनी टोकरियाँ उठाई थीं? १० और न उन चार हज़ार की सात रोटियाँ, और न यह कि तुमने कितने टोकरे उठाए थे? ११ तुम क्यों नहीं समझते कि मैं ने तुमसे रोटियों के विषय में नहीं कहा,परन्तु यह कि तुम फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान रहना।” १२ तब उनकी समझ में आया कि उसने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से सावधान रहने को कहा था।
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